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मंगलवार, 28 नवंबर 2017

छुट्टी!

छुट्टी!
कितना प्यारा सा लफ्ज़ है
कैसे खुश हो जाया करते थे हम
छुट्टी की बात सुन कर
स्कूल के दिनों में
छुट्टी!
कितनी त्रासद कहानी थी
रविन्द्र नाथ टेगोर की
जितनी बार पढ़ो आंखे भर आएं
छुट्टी!
कितना प्यारा सपना है
एक नौकरी पेशा का
हफ्ते भर में एक छुट्टी
यानि मौका मौज मस्ती का
छुट्टी!
कितना सुखद अहसास है
एक भर्ती बीमार के लिए
लो हो गई छुट्टी अस्पताल से
छुट्टी!
एक हकीकत है जिंदगी की
एक दिन हो जाएगी छुट्टी

इस जिंदगी से

17 टिप्‍पणियां:

  1. छुट्टी..बेफ्रिकी,अलमस्त देर तक सोने की छुट्टी, आफिस ना जाने की छुट्टी सब से आजादी दिलाती छुट्टीऔर एक दिन जीवन से मिलने वाली लंबी और अंतिम छुट्टी सब कुछ समेट दिया आपने शोएब जी... बेहतरीन लिखा बधाई और शुभकामनाएं आपको...!!

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  2. वाह.. छुट्टी पर
    बहुत सुंदर शब्दों से सजी रचना।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूब प्रिय शोएब | छुट्टी पर नितांत नया दर्शन | वेरी गुड |

    जवाब देंहटाएं

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हंसी मजाक के वातावरण में जब गुजर जाते हैं अनेक दिन तो प्रतीत होने लगता है वास्तविक ।  हंसी मजाक में तप कर बाहर निकलने वाला सच मानो...

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